Padmnaabh E-Magazine Jul to Sept 2021

अंक : ३




अंक : ३

वर्ष : १ जुलाई – सितंबर २०२१ िाहित्य, िमाज, िंस्कहत और राष्ट्रीय चेतना की पहिका ृ

अंक : ३

पद्मनाभ िैमासिक ई-पहिका

अंक : ३ वर्ष : १ जुलाई – सितंबर २०२१ िंपाहिका डॉ० प्रहतभा क० पराशर ु िवाषसिकार िुरहित वैिाहनक चेतावनी रचनाओं में व्यक्त हवचार िंपािकीय कायाषलय अंजानपीर चौक, बालािाि मठ रोड, िााँचीपट्टी हवराट नगर वाडष न ६, िाजीपुर, वैशाली हबिार – ८४४१०३ ईमेल : padmnabhsahityaparishad@gmail.com प्रबंिक प्रवीण पराशर रचनाकरों क अपने िैं। े इनिे िम्पािक का ििमत िोना अहनवायष निीं िै। हकिी भी हववाि की स्स्िहत में न्यायिेि पटना िोगा।

पद्मनाभ िैमासिक ई-पहिका

अनुक्रमाहणका

आलेख 1. राष्ट्रकहव हिनकर की भास्वरता डॉ० जंग बिािुर पाण्डेय िंस्मरण 3. जब मैं चार िाल िे कम का िा िूबेिार कष्णिेव प्रिाि सिंि ृ 4. जब हिनकर जी िे "उलझे" िम ! शैवाल ित्यािी 5. यािा वृतांत डॉ० हनसि गुप्ता 6. िािा ििुर और हिनकर वीणा कमारी नंहिनी ु पिेसलयााँ 6. ज्ञानविष क बाल पिेसलयााँ डॉ० कमलेन्र कमार श्रीवास्तव ु िोिे 7. िोिे काहमनी श्रीवास्तव 'कीहतष ' 7. मंहिर प्रहतभा प्रभाती कमकम ु ु कहवता 8. गुमनामी का हकस्िा प्रताप चौिान 8. पयाषवरण पद्मा हतवारी 9. चलो हतरंगे को लिराएाँ डॉ० ब्रजेन्र नारायण हिवेिी शैलेश 9. आओ हिर िे कान्िा नटवर अरुण िज्जन 10. पररवतष न डॉ० पुनीता कशवािा ु 10. िंवेिना डॉ० पुष्पा गुप्ता 11. इन रािों िे मैं डॉ० लक्ष्मीकांत शमाष 11. जीहवतपुहिका व्रत पद्मा प्रिाि "हवन्िेश्वरी" 12. वातावरण डॉ० िुिेश चुघ 12. हशिक हिवि मीरा भागष व िुिशष ना 13. पयाषवरण उर्ा श्रीवास्तव 'हकरण '

अनुक्रमाहणका

13. मैं पानी िाँ

डॉ० मीना कमारी पररिार ु 14. हिर बिार आएगी डॉ० पंकजवासिनी 14. प्राकहतक ृ िीहपका गगष 15. घर पर रिो डॉ० अलका वमाष 15. प्रकहत का क्रोि ृ अचष ना झा 16. पररवतष न की िवा िरला हवजय सिंि 'िरल' 16. हतरंगा रंजना वमाष उन्मुक्त 17. हतरंगा हप्रयंका कमारी ु 17. तमन्ना छाया प्रिाि 18. मन हकरण कमारी ु 18. भाई िंजय कमार मालवी आिशष ु 19. प्रकहत ृ डॉ० िुनीता बेिी 19. िम निीं, वक्त िगाबाज िै कष्ण चतुवेिी ृ 20. इमली का पेड़ िंगीता िागर 20. जल िंिािन डॉ० आशा गुप्ता ‘श्रेया’ 21. मौिम कछ उिाि िै ु डॉ० िुर्मा हतवारी 21. करीहतयों को आओ तोड़ें ु अंजना सिन्िा 22. जीत लोगे िर जंग हनवेहिता श्रीवास्तव 22. िार ित्य-प्रेम हकरणें डॉ० मंजू गुप्ता 23. माता डॉ० पावष ती मुंडु 23. शिीिों िे हिंिस्तान ु अशोक कमार प्रमाहणक ु गीत 24. कािे वृि क कत्ल कर आए े नंिन हमश्र 24. बिु त लाजवाब िो तुम डॉ० अलका अरोड़ा बालगीत 25. बाल सजज्ञािा नम्रता श्रीवास्तव 25. बािल छाये डॉ० िुरन्र ित्त िेमल्टी े 26. वर्ाष रानी, वर्ाष रानी हबन्िेश्वर प्रिाि गुप्ता 26. गणपहत बप्पा डॉ० प्रहतभा कमारी पराशर ु

13. मैं पानी िाँ

ग़ज़ल

27. ग़ज़ल कशव शरण े 27. ग़ज़ल िमीि कानपुरी 28. ग़ज़ल हवज्ञान व्रत 28. ग़ज़ल प्रहमला श्री 'हतवारी' 29. सजंिगी पद्माहि शुक्ल 29. ग़ज़ल कालजयी 'घनश्याम' 30. कोरोना जागरूकता कामेश्वर कमार ‘कामेश’ ु 30. वतन डॉ० प्रहतभा कमारी पराशर ु लघुकिा 31. अपना घर आाँ गन रूणा रस्श्म ‘िीप्त’ 32. िािी का सिक्का डॉ० प्रणव िेवेन्र श्रोहिय 32. सजजीहवर्ा आरती श्रीवास्तव 33. िरीवाला े नीरजा ठाकर नीर ु 33. नाच न जाने आाँ गन टेढा अनाहमका कली 34. करंट का झटका िुिांशु कमार चक्रवती ु 35. चुगली प्रो० मीना श्रीवास्तव 'पुष्पांशी' 36. मेडल िुर्मा सिन्िा 36. िोनी-मोनी अहनता शरि झा 37. रोटपकाई डॉ० हवद्या चौिरी 38. ििरी मााँ ू रीतु प्रज्ञा 38. आ बैल मुझे मार डॉ० भूहमका श्रीवास्तव 39. बाघ का ििष हिनेश चन्र प्रिाि ‘िीनेश’ 40. पागल निीं िैं िम डॉ० ऋचा शमाष आयोजन 41. मुकश सलसखत 'बातें हकताबों की' का लोकापष ण े मुकश कमार सिन्िा े ु 42. पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् स्िापना हिवि िि िम्मान िमारोि हबन्िेश्वर प्रिाि गुप्त

ग़ज़ल

िंपाहिका की कलम िे

पद्मनाभ िैमासिक पहिका जुलाई-सितंबर 2021 का अंक पढकर आप आनंिाहतरेक का अनुभव करेंगे। िावन की ििार िे िरती की िूखी कोख िराबोर िो गयी िै। मुरझाई िु ई वनस्पहतयााँ ु पुस्ष्पत व पल्लहवत िोने लगी िैं। िानी चुनरी ओढकर पृथ्वी झूमने लगी िै। प्रकहत रानी अद्भुत छटा ृ हबखेर रिी िै, ऐिी स्स्िहत में पहत क परिेश रिने पर हवरहिन यि किे हबना निीं रि िकती – े िावन मािे िे िखी, बिती िै रििार । हपया बिे परिेश तो, आती निीं बिार ।। ििरी तरि हशव-शंभु क भक्त उिाि रिे, क्योंहक कोरोना क कारण मंहिरों क पट बंि रिे। िावने े े ू मिोत्िव कजरी-झूमर िे प्रारंभ िोकर श्रीकष्ण झूला मिोत्िव याहन पूहणष मा तक चला। पूहणष मा िे ृ याि आया हक रिाबंिन का त्यौिार भी मनाया गया। श्रीकष्णजन्माष्ट्मी, गणेश चतुिी, िररतासलका ृ तीज, कमाष-िमाष, अनंत चतुिषशी इत्याहि हकतने त्योिार और उत्िव िमने मनाये। प्रात: स्मरणीय गोस्वामी तुलिीिाि की जयंती श्रावण शुक्ल िप्तमी को राम-रि िे िराबोर कर गयी तो लब्ि प्रहतष्ठ उपन्यािकार, किा हशल्पी प्रेमचंि की जयंती भी मनायी गयी। 03 अगस्त को राष्ट्रकहव मैसिलीशरण गुप्त का जन्म हिवि िै इिी िे इि हिन का हवशेर् मित्त्व भी िै। वैिे िेखा जाए तो प्रहतहिन िम कोई-न-कोई हिवि अवश्य िी मनाते िैं मगर हिंिी हिवि पर खूब िभाएाँ आयोसजत की गयीं, कहवगोहष्ठयााँ िु ई। हिंिी को राजभार्ा िे राष्ट्रभार्ा बनाए जाने को लेकर पररचचाष ं िु ई। एक बात मित्वपूणष िै हक इि कोरोनाकाल में हिंिी बिु त िी िमृद्ध िु ई िै। तालाबंिी में घर बैठे िबने कािी रचनाएाँ कीं। इि िौरान अिंख्य लेखक उभर कर आये और िभी एक-ििरे िे ू पररहचत िु ए। एक-ििरे को पढने और िुनने का अविर हमला। अन्यिा हिंिी हिवि पर मैं यिी ू किती हक-

िंपाहिका की कलम िे

इिी मिीने में िोती िै, हिन्िी की बरिात ।

इि बाररश में िभी भींगते, भींगे िबक गात ।। े अब तो हिंिी जन-जन की भार्ा बन गयी िै। मगर जब तक इिे रोजी-रोटी िे निीं जोड़ा जाएगा, प्रहतयोगी परीिाओं में िमुहचत स्िान निीं हमलेगा, तब तक इिे रोजगारोन्मुख किना बेमानी िोगी। 03 अगस्त को पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् का प्रिम स्िापना हिवि िि िम्मान िमारोि िूमिाम िे मनाया गया, सजिकी अनुगाँूज पूरे भारतवर्ष िी निीं, हविेशों में भी िल गयी। स्िापना हिवि पर िभी िम्मानीय ै रचनाकारों ने खूब बिाइयााँ प्रेहर्त कीं, शुभकामनाएाँ पाकर मन गिगि िो गया। ईश्वर करें आप िबकी शुभकामनाएाँ िलीभूत िों। िभी ििस्यों को पद्मनाभ िाहित्य िृजन िम्मान और पिासिकाररयों को पद्मनाभ नवरत्न िम्मान िे िम्माहनत हकया गया। मंच का िंचालन आिरणीया शोभा रानी हतवारी जी ने बेितरीन ढंग िे हकया, सजिक सलए उन्िें श्रेष्ठ मंच िंचासलका िम्मान िेकर िम गौरवास्न्वत िु ए। इिक े े सलए िम आप िभी का हृिय िे आभार एवं िन्यवाि ज्ञाहपत करते िैं। सजि उद्देश्य िे मैंने इि िंस्िा की स्िापना की आप िबकी प्रािष ना िे खूब िले-िले। इिी िौरान आजािी का अमृत मिोत्िव पूरे उल्लाि ू क िाि मनाया गया। 23 सितंबर को राष्ट्रीय चेतना क िूििार राष्ट्रकहव रामिारी सिंि हिनकर की जयंती े े भी िमने मनायी। इि उपलक्ष्य में हिन्िी पखवाड़े क अंतगष त आनलाइन कहवगोष्ठी िि िम्मान िमारोि े का आयोजन भी हकया गया। पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् क हवकाि क सलए िबका िकारात्मक िियोग े े अपेहित िै। पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि का उद्देश्य िाहित्य का प्रचार-प्रिार तिा हवश्व में शांहत, अहिंिा और एकता स्िाहपत करना िै। डॉ० जंगबिािर पाण्डेय की हनम्न पंहक्तयों क िाि पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि क िभी े े ु ििस्यों एवं मानवता क कल्याण क सलए मैं परमेश्वर िे प्रािष ना करती िाँ हक े े बढें आप मंगलमय-पि पर, रिे तत्व अनुकल िभी। ू आगे बढते पीछे को भी, रिें िेखते कभी-कभी।। इहत शुभम् !! ✍️ डॉ० प्रहतभा कु० पराशर (िंपाहिका)

इिी मिीने में िोती िै, हिन्िी की बरिात ।

मैंने अपने जीवन में बिु त-िी िाहिस्त्यक पहिकाएाँ िेखी,

पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि क स्िापना क प्रिम वर्ष गांठ क े े े एक पाठक, एक लेखक क तौर पर, वतष मान पेशे में आने े उपलि में आयोसजत राष्ट्रीय पटल कहव िम्मेलन क हवलिण े िे पूवष मैं राजस्िान क प्रहतहष्ठत िमाचार पि राजस्िान े आयोजन िे अहभभूत िाँ डॉ० प्रहतभा पाराशर जी और िंस्िा पहिका में भी काम कर चुका िाँ। आज आपकी पहिका िेख क अन्य िभी पिासिकारी गण को शुभकामना और बिाई। े कर मैं िावे िे कि िकता िाँ यि िवष श्रेष्ठ िै िरेक मायने ✍️आचायष पाराशर में आपको बिु त बिाइयााँ, िािुवाि। आप िरीखे गुणीजन क िाि जुड़कर िच मे आज गौरव का अनुभव िो रिा े िै। आपकी पहिका का एक हिस्िा बनाने क सलए आपका े पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् क प्रिम स्िापना हिवि पर आयोसजत े बिु त आभार आिरणीया। आपकी पहिका रात-हिन भव्य कायष क्रम क सलए आिरणीया डॉ० प्रहतभा पराशर जी को े उन्नहत करे, इन्िीं शुभकामनाओं िहित िािर नमन। बिु त-बिु त बिाईयााँ और शुभकामनाएाँ । ✍️डॉ० लक्ष्मीकांत ✍️ राजकमार छापहड़या ु पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् क स्िापना हिवि पर, पररर्ि् िे जुड़े े पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् की प्रिम वर्ष गााँठ पर पटल की िुसि िाहित्यकारों को बिाई िहित शुभकामनाएाँ । िंस्िाहपका डॉ० प्रहतभा पाराशर एवं पटल क िभी काव्य े ✍️हवकाश कमार 'हविाता' ु मनीहर्यों को ढेर िारी बिाइयााँ और अशेर् मंगलकामनाएाँ ! हनत िाहित्य की िेवा करते िु ए पटल ििलता का आिमां छ ले!!! ू ✍️डॉ० पंकजवासिनी पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि क जन्महिन क अविर पर पटल क े े े िभी िाहित्य प्रेमी बिनों और भाइयों को ढेर िारी बिाइयााँ। ✍️रमा बिेड ििी िै आिरणीया, आपने अिक पररश्रम, स्नेि-सिंचन िे पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् को िींचा िै। उिी क े मैं कल्प कहव उमेश नारायण कणष पद्मनाभ िृजन िम्मान पाकर अहभभूत िु आ। एक अहकचन िाहित्यानुरागी को ं पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् ने ऋणी बना हिया। कोहटशः नमन। ✍️कल्प कहव उमेश नारायण कणष पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् की वर्ष गााँठ पर पटल िंचासलका आ.प्रहतभा जी एवं पटल िे जुड़े िभी रचनाकारों को ढेर िारी बिाइयााँ पटल क उत्तरोत्तर हवकाि की अशेर् मंगलकामनाएाँ । े ✍️उियशंकर उपाध्याय पररणामस्वरूप पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् पल्लहवत, पुस्ष्पत िोकर लिरा रिा िै। बिु त-बिु त शुभकामनाएाँ एवं बिाइयााँ आपको। यि िाहित्य पररर्ि् ििैव अग्रिर िो उन्नहत क पि े पर बढता रिे। ✍️चंिा गुप्ता नेि जी वाि! बिु त खूब। बिु त िुन्िर। िचमुच पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् ने रचनाकारों में जोश भर हिया िै। ✍️हबन्िेश्वर प्रिाि गुप्ता

मैंने अपने जीवन में बिु त-िी िाहिस्त्यक पहिकाएाँ िेखी,

पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् की प्रिम वर्ष गााँठ पर िंस्िा की

पद्मनाभ की आज, वर्ष गााँठ पिली सखली । िंचासलका मिोिया आिरणीया प्रहतभा पराशर जी को िाहिष क करें रस्म िम आज, खुशी िै हनराली हमली ।। बिाई एवं शुभकामनाएाँ । िंस्िा िे जुड़े िभी मनीहर्यों को भी करने नेकाचार, झड़ी िावन की आयी । बिु त-बिु त शुभकामनाएाँ । पटल ने एक वर्ष में िी इतनी उन्नहत काव्य की घड़ी िुिानी, गूगल मीट पर लायी ।। की िै यि बिु त िी िर्ष का हवर्य िै। आशा िै पद्मनाभ िंस्िा उतर नवाने शीश, स्वहणष म रस्श्मयााँ िारी । हनत नयी ऊचाइयों को छएगी। इन्िीं शुभकामनाओं क िाि। ाँ ु े हवराजे हवष्णु ईश, ब्रह्म लीला िै न्यारी ।। ✍️हनहश श्रीवास्तव बरि गये आशीर्, िेवगण िंग िमारी । करे प्रीत िै श्रीश, नजर उतारे तुम्िारी ।। पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि क स्िापना हिवि पर कोहटशः बिाइयााँ े हमटा िै अंिकार, हिशा ने िीप जलाया । िु आ िपन िाकार, उर्ा ने हतलक लगाया ।। एवं भहवष्य क सलए अनन्त शुभकामनाएाँ । े ✍️बाबूराम सिंि कहव पढे गगन ने मंि, पंचाग पंहडत लाया । करें छं ि पर काम, पद्मनाभ िै बताया ।। आज पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् का स्िापना हिवि िै, इि पावन लक्ष्मी का िै वाि, ऐश्वयष प्रतीक िोता । घड़ी में मैं पटल िे जुड़े तमाम हवितजन को िाहिष क बिाई एवं गंिगी में हनवाि, निीं िुंिरता खोता ।। शुभकामनाएाँ प्रेहर्त करती ि। ाँ रिे मोि हनसलष प्त, िंिार को सिखलाता । ✍️िािना कष्ण ृ रिे गन्ि में सलप्त, बुराई िर भगाता ।। ू ✍️डॉ० मंजु गुप्ता पद्यनाभ िाहित्य पररर्ि् का ििा यशगान िो । जो पटल िे िैं जुड़े उनका ििा उत्िान िो ।। ऐ मेरी मााँ शारिे तेरी कपा िब पर रिे । ृ लेखनी िे इि पटल की कीहतष गुंजायमान िो ।। ✍️हबनोि कुमार ‘िाँिौड़ा’ पावक बिे भागीरिी, पद्मनाभ िै मिान । िरस्वती की उपािना, प्रहतभा जी को िलाम ।। छं ि गजल, गीत लघुकिा, िबको हमलेगा मान । िाहिष क अहभनंिन करते, छना िै आिमान ।। ू मंच को नमन। मंच क स्िापना हिवि पर बिु त-बिु त बिाई एवं े िाहिष क शुभकामनाएाँ । आिरणीया डॉ० प्रहतभा पाराशर जी का शुभ हिन स्िापना हिवि िै, बने रिे प्रगहतशील । िेते बिाई िम भाव िे, रिे ििा मनन शील ।। चलती िै कलम ज्ञानिे, उड़ान िे भरे भाव । िाहिष क अहभनन्िन वंिन करता िाँ। ✍️चंरप्रकाश गुप्त चंर कलम की ताकत बनाए, िबिे रिता लगाव ।। ✍️पद्माहि शुक्ल पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् क स्िापना हिवि पर िम्पूणष िंचालक े मंडल और िभी ििस्यों को िाहिष क बिाई और शुभकामनाएाँ । ✍️मुरारर पचलंहगया

पद्मनाभ िाहित्य पररर्ि् की प्रिम वर्ष गााँठ पर िंस्िा की



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