vO;Dr izse dh vuwBh dgkfu;k¡ lanhi vxzoky
© सवा धकार सुर त ISBN : 978-9-39-181781-7 ले खक :lanhi vxzoky डजाइन :Hkwfetk vxzoky Photo Courtesy : आवरण और कहानय क साथ यु त च मेटा े एआई और -पक एआई जैसे न:शु क इमेज जेनरेशन ोाम क सहायता से नमत ह . थम सं करण : दसंबर, 2024 मू य : 199/- (एक सौ नयानवे पए ) काशक: सृजन बब काशन, 301, सनशाइन-2, क.टी.नगर, काटोल रोड, नागपुरे 440013 (महारा ) मो. 8208529489 E-mail: srijanbimb.2017@gmail.com मु क: चेरी डजटल स, धरमपेठ, खरे टाउन, नागपुर-440010 E-mail: cherry.net1@gmail.com Disclaimer: इस पु तक क सभी कहानय क पा व सं थान क नाम व े े पर तय पूणत: कापनक ह . कसी भी जीवत या मृत य, सं था या घटना से कोई भी समानता संयोग मा होगी.
vO;Dr izse dh vuwBh dgkfu;k¡ दु नया क 99% ेम कहानय शु होने से पहले ही खम हो जाती ह , लगभग सभी क पीछे एक ही वजह होती है , अपने दल े क बात सामने वाले से न कह पाना. कछ लोग कभी नह कह ु पाते और कछ जब तक कह पाते ह , बत दे र हो चुक होती है . ु ‘काश, कह दया होता...’ का मलाल, पूरी जदगी आपक मन म े कसकता रहता है . कछ ऐसे ही अनकहे और बेबसी म लपटे ेम ु को ले कर बुनी गई कहानय का सलसला है , कहानी सं हतुमने जो न कहा... lanhi vxzoky
क शद. मोहबत क सफर म वह खुद को एक ऐसे दोराहे पर खड़ा पाती है, जह े े वह समझ नह पा रही क उसे कस दशा म जाना चाहए. पृ. 5 लॉ ीवाला :एक हलटे शन पर नहार अपनी जैकट धुलवाने क लए एक लॉ ी े े पर जाता है , जसक मालक क पास भी एक वैसी ही जैकट है, जसका एक सरा े े े लॉ ी से जुड़ा है और दू सरा नहार क जदगी से. पृ. 20 यणी क नाक :सुवीर और नीरजा एक दन एक यू जयम देखने जाते ह. वह एक यणी क तमा क गायब नाक देखकर सुवीर परेशान हो जाता है; दोन एक नकली नाक तैयार करवाकर फर से यू जयम जाते ह तो वह एक और ही कहानी उनक तीा कर रही है. पृ. 39 मु छड़ माटर :माटर क बरस से पाली मूंछे एक हजाम क लापरवाही क भट चढ़ जाती ह. उसक पहचान और रोजीरोटी दोन पर खतरा मंडराने लगता है. वह पु लस म रपोट लखवाने जाता है . उसे नह मालूम क यह संकट उसक लए े वरदान साबत होने वाला है. पृ. 62 लक लूजर :एकतरफा यार म गरार नायक को जब पता चलता है क उसक मोहबत पर कोई और ही डाका डाल चुका है तो वह हताश हो जाता है. फर उसक े सामने अपनी शकत का बदला ले ने का एक मौका आता है, ले कन... पृ. 96 और बस पतझर... :एक गुमनाम कॉल मीनाी क जीवन म यार क बहार ले कर े आता है. ले कन, फर एक छोटी सी गलती और बड़े से अहम क चलते यह सब े एक ऐसे पतझर म बदल जाता है, जसे फर कोई बहार नह जला पाती. पृ. 112 तुमने जो ना कहा :ोफसर एन कमार ेम क पाठशाला म फसी रहे ह. एक े ु गलतफहमी क वजह से खोया यार, एक और गलतफहमी क वजह से वष बाद एक नए प म फर से उनक दरवाजे पर दतक दे रहा है. या इस बार... े पृ. 124
खुसरो बाजी ेम क... ‘मानसी, जरा चाय गैस पर चढ़ा दे...’ रे डयो क ओर बढ़ती मानसी को मी क आवाज आई. ‘अरे मेरा ोाम आने वाला है मी... ीज आप खुद ही बना लो.’ वह रे डयो ऑन करते ए बोली. ‘सनाश हो इस लवगु का, कमब खुद तो बगड़ा आ है ही हमारे ब को भी बगाड़कर मानेगा.’ मानसी को मी क झुंझलाहट भरी आवाज सुनाई दी. ‘बी नह ँ म, 27 साल क ँ...’ उसने मी को याद दलाना चाहा, ले कन फर उनक बात पर ान न देते ए उसने अपना फवरेट चैनल बोल एफएम े लगा दया. ................ बोल यानी बे ऑफ लव, पूरी तरह ार-मोहत को डेडीकटे ड एफएम े चैनल था, जो करीब छह महीने पहले ही शु आ था. ले कन, कछ ही अस म ु अपनी एू सव कट ट और इनोवे टव पैक जग से यंग स का चहेता बन ं े गया था. इसक कई ोाम मानसी को पसंद थे, पर हर शाम सात बजे े ॉडका होने वाला ोाम ‘ज लव’, जसम ोताओं क मेल, ासए या एसएमएस पर भेजी गई ेम समाओं का समाधान बताया जाता था, उसका फवरेट था. अब तक उसक डेढ सौ से ादा एपसोड आ चुक थे, ले कन े े े मानसी ने शु आती एक-दस एपसोड को छोड़कर कोई एपसोड मस नह कया था. तुमने जो ना कहा संद प अ वाल
मस करती भी कसे, इसक हो लवगु तोषी, जसका असली नाम पता नह ै े ा था, क धीर-गंभीर आवाज उसक आा क गहराइय तक जाती थी तो े उसक सुएशनल शायरी और इंटेलीजट कोटे शंस उसक दल क तार को े े झंकत कर देते थे. वह ज लव से इतना ादा भावत थी क ोाम को ृ रकॉड करक रख ले ती थी और बाद म दोबारा सुनकर उसम इेमाल शेर े और कोस को अपनी डायरी म नोट कर ले ती. अब तो हालत यह थी क अगर कभी वह कसी वजह से रे डयो सुन पाने क त म नह होती थी तो अपनी कसी न कसी सहेली को फोन करक ताकद कर देती थी क वह उसक लए े े ोाम क रकॉड ग करक रख ले , ताक मानसी उसे बाद म सुन सक. संडे े े को ोाम का ेशल एपसोड आता था, जसम पूरे हे ोताओं क ओर से मले सबसे कलीकटे ड ॉम को सेटरडे क एपसोड म दूसरे ोताओं से े े शेयर कया जाता था और उनसे कहा जाता था क उ इस ॉम का जो भी हल सूझता है , उसे रकॉड कराएं. अगले दन चुने ए समाधान संडे ेशल म शामल कए जाते थे. ले कन, बात सफ ोाम तक ही सीमत नह थी. पछले कछ दन से मानसी ु को तोषी से एक अलग तरह का लगाव महसूस होने लगा था. जस तरह वह बेहद ह-फ अंदाज म लोग को उनक लव ॉ क सॉूशंस े ु े े दया करता था, वह मानसी को बत भाता था और वह सोचती थी क अगर उसे तोषी जैसा सुलझा आ जीवनसाथी मल जाए तो मजा आ जाए. तोषी जैसा , वही नह, उसक दमाग म आने वाला अगला े जस दन उसक मन म यह े ाल यही था. और ाल आया, उसे तोषी क त अपने लगाव म े एक शत सी महसूस होने लगी. उसने पाया क वह उसे ले कर पॅजे सव हो रही है. जब लड़क-लड़कयाँ ोाम म तोषी से अपनी ॉम शेयर करते तो तोषी े क जवाब देने से पहले वह उनका जवाब खोजने क कोशश करती... और जब े भी तोषी उसक जैसा सॉूशन बताता तो वह खुशी से झूम उठती क उसक े और तोषी क सोच कतनी मलती है. उसने खुद ोाम म अपनी कोई ॉम शेयर नह क थी, ले कन इस पर वह इतना ादा हक समझने लगी क तुमने जो ना कहा संद प अ वाल
उसने अपनी कई सहे लय को फक ॉ लखकर दे द थ क वे उसे े मैसेज करती रह . एक तरह से वह अपनी ओर से तोषी का टे ले ती रहती थी क वह कन परतय म कसे बहे व करेगा. और जब भी उसे जवाब ै मलता, उसक मोहत का तापमान एक फारेनहाइट बढ़ जाता. और बढ़ते-बढ़ते जब यह टे रेचर 104 डी फारेनहाइट पर पँच गया तो मानसी शां ड को लगने लगा क अब यह बीमारी उस मकाम पर आ चुक है , जहाँ उसे गंभीरता से लए जाने क बत जरत है . आखरकार, उसने अपने मज-ए-इ का इलाज कराने क दशा म पहला कदम उठा दया. करीब हे भर क मेहनत क बाद वह बोल एफएम क ऑफस का एेस व फोन े े नंबर तलाशने म सफल रही. हालां क यह तलाश बल लं बी साबत ई थी, क उसने इसक लए गूगल े कया, कछ नह मला. बोल क वेबसाइट पर गई, ले कन वहाँ पर ‘कॉे ु अस’ वाले पेज पर कोई जानकारी न देते ए सफ एक फॉम दया था, जसम से चुनकर अपना संदेश टाइप कर सबमट कया जा सकता था. अब वह यह तो लख नह सकती थी क ‘मुझे आपक एक ोाम क हो से मोहत े े हो गई है . इसलए उससे मेरी बात कराएं.’ उसने ोाम म बताए जाने वाले ासए नंबर पर कॉल कया, ले कन वहाँ इनकमग कॉल का ऑशन ॉड था. कोई चारा न देख उसने तोषी क लए ‘आई अजटली नीड टू ीक े वद यू’ मैसेज छोड़ा तो कोई जवाब नह. मानसी करे तो ा करे...तब उसे याद आई अपनी एक जन ल ड गौरा क, जो एक ूज पोट ल म एंटरटे नमट बीट देखती थी. उसने उससे कहा क वह उसक लए बोल एफएम क े कॉे डटे जुगाड़ कर दे. गौरी क लए यह ादा मु ल नह था, े क चैनल क ओर से आने वाली सारी ेस रलीज उसक पसनल मेल आईडी पर ही पँचती थ. उसने ेस े तुमने जो ना कहा संद प अ वाल
रलीज पर लखा चैनल क कापरेट ऑफस का एेस और फोन नंबर मानसी े को मैसेज कर दया. अब दू सरा कदम उठाया गया. मानसी ने करीब पौन घंटा खुद को संवारने म लगाया और सज-धज कर बोल एफएम क ऑफस जा पँची. ले कन वहाँ े पँच कर उसे पता चला क उसक तलाश अभी ख नह ई थी. ज लव क हो तोषी क बारे म पूछने पर उसे बताया गया क वहाँ सफ टे ीकल े े और कापरेट वक होता था और बोल अपना कोई भी काय म खुद ोूस न करते ए अपनी सारी ोामग अलग-अलग ोडन कपनय से ं आउटसोस करता था. उसक बार-बार पूछने पर भी वे लोग यह बताने क लए े े तैयार नह ए क ज लव का ोूसर कौन है . उनका कहना था क कसी क कॉे डटे बाहरी लोग क साथ शेयर करना उनक ाइवेसी े पॉलसी क अग है . े एक बार फर वह गौरा माँ क शरण म गई. गौरा ने शु म आनाकानी क, ले कन जब देखा क मानसी बना जानकारी हासल कए टलने वाली नह है तो उसने कोशश शु कर दी और थोड़ी सी मेहनत और जहमत से उसने पता कर ही लया क ‘ज लव’ बनाने वाली कपनी का नाम माइरा कॉम है . उसने ं मानसी को उसका नाम, एेस और फोन नंबर मानसी क सुपद कर दया. े ु माइरा कॉम क ऑफस म जाकर मानसी को वही अनुभव आ, जैसा क बोल े म आ था. उने भी सी से इंकार कर दया क वे अपने कसी भी आट का नंबर या कोई पसनल डटे उसे ोवाइड नह करा सकते. उसक बारे बार रे करने पर वे पसीजे और उने इतना फवर कया क उसका े नंबर ले कर रख लया और कहा क जब तोषी आएगा तो वे उसे उसका नंबर दे दगे. अगर उसे बात करनी होगी तो वह उसे खुद कॉल कर ले गा. उनक बात मानने क अलावा मानसी क पास कोई चारा नह था. वह अपना नंबर े े रसे शन पर छोड़कर मरे मन से घर वापस आ गई. तुमने जो ना कहा संद प अ वाल
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