# १ ऄंक ५ Page Error! Number cannot be represented in specified format. जून २०२१
SIXKfTTZ https://facebook.com/groups/2134829398720 geetashri07@gmail.com 6200847486, 8687390377 • गीता श्री साहहत्म को कामाारम भें कामा कयने हे तु एक शिक्षऺत ,एॊव टॊ कड़ ( ताइपऩॊग) पविेषऻ भहहरा की आवश्मकता है |,स्थानीम भहहरा को वयीमता दी जाएगी | • गीता श्री साहहत्म को 100 उजाावान मवको की आवश्मकता है , जो भाकहटॊग भें ननऩड े ु ु हो| सॊऩक कये - 6200847486 7388227464 ा
ु 1. धड़कन –डॉ सॊजीव िास्र शभजााऩयी ु 2. सचि स्नेह सख हहभौय है –फाफयाभ शसॊह ू ु ु 3. अहहॊसा –अभरदाय ननहाय 4. वक़्त फदरेगा –यपव गोमर 5. इॊहदया गाॉधी –खुिफु फयनवार 6. आदत –ये णु शसॊह 7. ग़ज़र –जुल्फपकाय अरी 8. सजर जीवन –वन्दावन याम ृ 9. सभाज औय भीडडमा से साहहत्म का रयश्ता -सिीर िभाा ु 10. भहायाणा प्रताऩ भहान –याजेि नतवायी 11. सच्िे शभर की ऩहिान 12. ग़ज़र – नाथूरार 13. दो जन की योटी –याभफाफू िभाा ू 14. िफ़़ –ज्मोनत नायामण 15. गीत –सयेि सयर ु 16. प्रकृनत का सन्दे ि –एभ.एर. नत्थानी 17. ऩमाावयण सयऺा- प्रबनाथ गप्त ु ु ु 18. ऩमाावयण हदवस –अिोक कभाय ु 19. वऺ की ऩकाय – डॉ ककयण जैन ु ृ 20. साहहत्म का सि – एस. एस. एस. 21. हहॊसा ऩय प्रनतफन्ध शरखें गे – जगदीि बायती
दपषत ऩमाावयण औय हभ –पवनोद कश्मऩ ू 23. तझे ऩाने क शरए तडऩता हूॉ –ननक याजऩत े ु ू 24. जम श्री कृष्ण – अतर अपवयर ु 25. आजक दोहे – नाथूरार भेघवार े 26. वऺ –डॉ हदवाकय गौड़ ृ 27. अॊत – भभता िभाा 28. फेिाया – भनीि वभाा ु 29. दहे ज़ की भाॊग –िेतना चितेयी 30. गाथा योटी की 31. पवधाता – यीभा ठाकय ु 32. इॊद ु क ऩाय – शिवाॊगी शभश्रा े
े सॊऩादकीम कोनवड-19 की नथथनत में धीरे धीरे सुधार हो रहा है| देश भर से नवगत कदनों काफी राहत की सांस लेने वाली खबरें अइ हैं| ऄभी हमें 2 गज की दूरी माथक है जरूरी का नवशेष रूप से ध्यान रखना होगा याद रहे सावधानी हटी तो संक्रमण बढ़ जाएगी| आस बात के नलए हम सभी लोगों को सुनननित करना चानहए | देशभर में सानहनययक अयोजनों सनहत सांथकृ नतक सामानजक कायषक्रम बंद पडे हैं या सीनमत मात्रा में हो रहे हैं |कहा जाता है सानहयय समाज का दपषण होता है| और समाज रूपी पुष्प पल्लवीत होता है, लेककन ऄब सरकार द्वारा प्रनतबंधों से मुक्त ककए जाने की संभावना है| ईम्मीद है कक आस संदभष में शीघ्र ही ननणषय हो सके गी क्योंकक गीताश्री का वार्षषक ऄनधवेशन भी होना है |हम आसके नलए समय पर कराए जाने हेतु प्रनतबद्ध हैं फकीर " राेीय साझा संनह आसी पेरप्रेहय में तैयार ककया जा रहा है देशभर के नए लडके आसके स " तेरे गांव मेंााथ ही देश के शीषषथत सानहययकारों का काफी मागषदशषन प्राप्त हुअ है |सानहयय को जन पहुंचाने के जन तकनलए एवं फु टपाथ से हटाने के नलए जो ऄनभयान हम लोगों ने चला रखा है ईसके नलए सभी को साथ अना | होगा नपछले लॉकडाईन में युवाओं में काफी जोश देखा गया गुमनाम कनवयों ने ऄपनी ईपनथथनत तेजी से दजष कराइ है और ऄब सोशल मीनडया जैसे प्लेटफामष पर छा गए हैं | यह हहदी सानहयय के नलए ऄच्छी बात है| ईन्हें थवयं को ननखारना होगा और हहदी मां के नलए कायष करना होगा, हहदी को अगे बढ़ाना है तो वातानुकूनलत कमरे से ननकलकर पहाडों पेडों झरनों एवं प्रकृ नत प्रदत्त साधनों के पास जाना होगा ऄपनी संथकृ नत एवं सभ्यता को बचाने के नलए हहदी का माध्यम ही एकमात्र जेरया है| अज हहदी की नथथनत सौतन जैसी हो गइ है कु छ ऐसे लोग हहदी बोलने में संकोच करते हैं एवं ऄपनी प्रनतष्ठा कमजोर मानने लगते हैं ईन्हें आस सोच से बाहर ननकलना होगा |आस देश में नवनभन्न तरह की भाषाएं बोली जाती हैं ,एक कहावत है भारत के नलए कक कोशकोश पर बदले पानी चार कोश पर वाणी लोगों को जोडने का कायष हहदी करे गी आसनलए हहदी को अगे बढ़ाआए हहदी में कायष केरए हहदी में नलनखए और हनाांदी के नलए सदैव तैयार रहें |
कभी ये कदल धडकता था आतनी जोरों से की धडकने गनलयों में सुनायी देती थी | ऄरमान हमारे भी नखलनखलाए थ कभी हर लडकी में बस ईसकी सूरत कदखाइ देती थी यू तो जवान और भी थे ईन गनलयों में पर हर जुबां पर मेरी ही अशनाइ होती थी ईन कदनों को याद कर अज मुथकु राता हू मै एक पल की जुदाइ जैसे सकदयों की जुदाइ होती थी खुश तो बस हम दोनों थे आस सारे जहााँ में और हमारे घरों में हर रोज लडाइ होती थी 2--डॉसंजीव. शास्त्र नमजाषपुरी
********* ईयथान हषष ईयकषष का यहीं ऄनुपम ठौर है। जग जीवनमें सदा सुनच स्नेह सुख नशरमौर है। लगे रहे पलपल सभी नेकी भलाइ राह में।मन मधुप बेताब हो सदैव प्रभु की चाह में। कदानप ना भूलकर फाँ से कभी ककसी गुनाह में। जन्म जीवन सुखद बने सुकमष धमष की छाह में। इष्याष व्देष पाखंड दम्भ भटकाव नमथ्या दौर है। जग जीवन में सदा सुनच स्नेह सुख नशरमौर है।। नेकी ही हर ए क का सदाचार शुभ अधार हो। ऄनुराग तप ययागका अलोकमय नवथतार हो। मानव में मानवता लवलव भरा ईपकार हो।इमान व नेक ननयत से सभी भवसागर पार हो।
जग जीवन में सदा सुनच स्नेह सुख नशरमौर है।। माधुयष मानवता महक चंहु कदनश फै लायें हम। भटके हुए ननज भाआयों को सुपथ कदखलायें हम। सुख शानन्तदे सबको ऄनूठा और सबसे पायें हम। ऄनमोल नर जीवन नहीं व्यथष ही गंवाये हम। सदा परथपर प्यार अयम सुधार ही शुभ गौर है। जग जीवन में सदा सुनच स्नेह सुख नशरमौर है।। कु छकर कदखाने पर ही प्यारे साथ सभी अयेंगे। सादा जीवन स्नेह से ही नमत्र सब बन जायेंगे। होंगे बड भागी वहीं सत् मानव धमष ननभायेंगे। परमाथष परोपकार जो प्रभुभनक्त पथ ऄपनायेंगे।
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