महिला अपराध





महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंहिक उत्पीडन (हनवारण प्रहिषेध और

प्रहििोष) अहधहनर्म 2013 महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंहिक उत्पीडन (हनवारण प्रहिषेध और प्रहििोष) अहधहनर्म 2013 पाररि हकर्ा िर्ा िै, हिसमे लैंहिक उत्पीडन के अन्िियि शारीररक सम्पकय और अग्रिमन, लैंहिक अनुकूलिा की मांि र्ा अनुरोध करना,लैंहिक अत्र्ुक्त हिप्पहणर्ां करना िथा अश्लील साहित्र् हिखाना िथा लैंहिक प्रकृहि का कोई अन्र् अवांछनीर् शारीररक, मौहखक र्ा अमौहखक आचरण करना।

महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंहिक उत्पीडन (हनवारण प्रहिषेध और

उत्पीड़न की पररभाषााः- हकसी भी महिला की इच्छा के हखलाफ छूना र्ा छूने की कौहशश

करना र्ा शारीररक ररश्िा/र्ौन सम्बन्ध बनाने की मांि करना। हकसी महिला की इच्छा के हखलाफ हनम्नहलहखि व्र्विार/कृत्र् को लैहिक उत्पीड़न की श्रेणी में रखा िािा िै। o हकसी भी महिला की इच्छा के हखलाफ छूना र्ा छूने की कोहशश करना। o हकसी महिला को प्रलोभन िेकर शारीररक सम्बन्ध बनाने की मांि करना। o अश्लील बािे करना/हिप्पणी करना । o अश्लील िस्वीरें, हफल्में र्ा वीहडर्ो उसकी इच्छा के हखलाफ हिखाना र्ा उसके पास भेिना। o इसके अहिररक्त अन्र् कोई ऐसे कार्य िो अश्लील िों र्ा महिला की िररमा को चोि पिचाऐ। ं र्ि कानून क्र्ा करिा िैाःo महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंहिक उत्पीडन के सम्बन्ध मे एक समीहि का िठन हकर्ा िर्ा िै, िनपि रामपुर पीठासीन अहधकारी सूरि कुमारी मो0नं09315868951 को हनर्ुक्त हकर्ा िर्ा िैं । o र्ि कानून कार्यस्थल पर महिलाओं के र्ौन उत्पीड़न को अवैध करार िेिा िै । o र्ि कानन र्ौन उत्पीड़न के हवहभन्न प्रकारों को हचहन्िि करिा िै, और र्ि बिािा ू िै हक कार्यस्थल पर र्ौन उत्पीड़न की हस्थहि में हशकार्ि हकस प्रकार की िा सकिी िै। o र्ि कानून िर उस महिला के हलए बना िै हिसका हकसी भी कार्यस्थल पर र्ौन उत्पीड़न िआ िो। o इस कानन में र्ि िरूरी निी िै हक हिस कार्यस्थल पर महिला का उत्पीड़न िआ ू िै वि विां नौकरी करिी िो। o कार्यस्थल कोई भी कार्ायलर्/िफ्िर िो सकिा िै चािे वि हनिी संस्था िो र्ा सरकारी।

उत्पीड़न की पररभाषााः- हकसी भी महिला की इच्छा के हखलाफ छूना र्ा छूने की कौहशश

हशकार्ि कौन कर सकिा िैहिस महिला के साथ घिना घहिि िई िै वि अपनी हशकार्ि आन्िररक हशकार्ि

सहमहि में ििय करा सकिी िै र्हि आन्िररक हशकार्ि सहमहि िहठि निी िै िो पीहड़िा अपनी हशकार्ि स्थानीर् हशकार्ि सहमहि में ििय करा सकिी िै, हशकार्ि घिना घहिि िोने के 03 माि के अन्िर करनी चाहिए। र्हि पीहड़िा हशकार्ि ििय करने में असमथय िै िो उसके हमत्र र्ा ररश्िेिार हशकार्ि ििय करा सकिे िैं । र्हि एक से अहधक घिनाऐ ं िई िैं िो आखरी घिना की िारीख से िीन महिने िक का समर् पीहड़ि के पास िोिा िै। हशकार्ि ििय कराने के बाि क्र्ा कार्यवािी िोिी िैर्हि महिला चाििी िै हक मीहडएशन की प्रहिर्ा द्वारा मामले को सुलझार्ा िा सकिा िै अिर मीहडएशन से मामला निी सुलझिा िै िो आन्िररक हशकार्ि सहमहि िांच प्रहिर्ा शरू करेिी हिसे 90 हिनो के अन्िर पूरा करना िोिा और िांच प्रहिर्ा का ु हवस्िृि हववरण उक्त अहध0 की धारा 11 में उल्लेहखि िै। र्हि िांच के उपरान्ि सहमहि आरोपी को उत्पीड़न का िोषी मानिी िै िो आरोपी के हखलाफ कार्यवािी करने का सुझाव िेिी। हनर्ोक्ता अपने हनर्मों के अनुसार कार्यवािी कर सकिे िैं। हनर्मों के अभाव में हनम्न किम उठार्े िा सकिे िैं। िैसे- हलहखि माफी, चेिावनी, प्रमोशन/वेिन वृहि को रोकना, नौकरी से हनकाल िेना। र्हि हशकार्ि झूठी पार्ी िािी िै िो उक्त कार्यवािी महिला के हखलाफ भी की िा सकिी िै।

हशकार्ि कौन कर सकिा िैहिस महिला के साथ घिना घहिि िई िै वि अपनी हशकार्ि आन्िररक हशकार्ि

लैंहिक अपराधों से बालको का संरक्षण अहधहनर्म-2012

01. र्ौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के हलए बनार्ेाः- िए कानून को पॉक्सो एक्ि र्ा लैंहिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अहधहनर्म कििे िैं। 02. इस कानून के ििि 18 वषय कम उम्र के बच्चों के हखलाफ हकर्े िर्े र्ौन अपराधों के हलए कड़ी सिा का प्रावधान िै हिसमें मत्र्ु िण्ड िक की सिा का भी प्रावधान ृ िै। 03. बच्चों के हखलाफ र्ौन अपराधों के हलए हवशेष न्र्ार्ालर्ों के िररर्े त्वररि सनवाई की व्र्वस्था की िर्ी िैं। ु 04. बच्चों के हििों की रक्षा के हलए बाल-अनुकूल िन्त्र की व्र्वस्था की िई िै। 05. इस कानून के ििि िुव्र्यिार ररपोहििंि और र्ौन शोषण की ररकाहडिंि को िरूरी बिार्ा िर्ा िै। 06. पुहलस को पीहड़ि की सुरक्षा सुहनहिि करनी िोिी िै।

लैंहिक अपराधों से बालको का संरक्षण अहधहनर्म-2012

07. पीहड़ि बच्चे की मेहडकल िांच कराने की हिम्मेिारी पुहलस की िोिी िै। साथ िी

मािा-हपिा की उपहस्थहि में महिला हचहकत्सक द्वारा हकर्ा िार्ेिा। 08. इस कानन में पीहड़ि बच्चों को रािि और पनयवास के हलए मआविा िेने का भी ू ु ु प्रावधान िै। 09. पोक्सो एक्ि में पुहलस अपराहधर्ों को हबना वारंि हिरफ्िार करने का अहधकार िै। 10. पॉक्सो एक्ि में धारा 14(1) मे बाि में पुनाः अपराध करने पर 7 वषय की सिा और िुमायने का प्रावधान िै। 11. इस कानन के ििि बालक की पिचान-नाम, पिा, स्कूल, पड़ोस, फोिो हचत्र, ू पररवार का ब्र्ौरा आहि की प्रकि निीं हकर्ा िार्ेिा। 12. पीहड़ि बालक र्ा कथन उसके पसंि के स्थान पर हकसी महिला पुहलस द्वारा सािा वस्त्रों में िाकर हलर्ा िार्ेिा। 13. पीहड़ि बच्चे को हकसी भी कारण से राहत्र में थाने पर निीं रखा िार्ेिा।

07. पीहड़ि बच्चे की मेहडकल िांच कराने की हिम्मेिारी पुहलस की िोिी िै। साथ िी

घरेलू हिंसा से संरक्षण

1- 2- घरेलू हिंसा की पररभाषााः- हकसी पुरुष र्ा उसके ररश्िेिार द्वारा महिला, िो ररष्िे में भी िै, को शारीररक, मानहसक मौहलक, भावनात्मक मा आहथयक नुकसान चोि पिचाना र्ा प्रर्ास करना घरेलू हिंसा के अन्िियि आिा िै। घरेलू हिंसा के अन्िियि ं महिला को ििेि र्ा अन्र् से सम्पहि की मांि करना र्ा इसके हलए महिला से िुडेे़ हकसी अन्र् व्र्हक्त र्ा ररश्िेिार को परेशान र्ा प्रिाहड़ि हकर्ा िाना भी आिा िै। हकसके हखलाफ हशकार्ि की िा सकिी िैाः- महिला के वल वर्स्क परुष के ु हखलाफ िी कानूनी कार्यवािी कर सकिी िै चािे वि उसके साथ महिला का हकसी भी प्रकार का घरेलू ररश्िा िै। (शािी से पिले र्ा शािी के बाि) महिला र्हि हकसी व्र्हक्त हबना शािी के िैसे संबंधो में हकसी भी समर् रिी िै िो वि व्र्हक्त भी उसमे शाहमल िै।

घरेलू हिंसा से संरक्षण

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5- 678- 9- संरक्षण अहधकारी से घरेलू हिंसा की हशकार्ि कोई भी कर सकिा िै, चािे वि महिला से संबंहधि िो र्ा निी िै। घरेलू ररश्िा उन िो लोिों में िोिा िै िो साक्षी ििस्थी में एक साथ रििे िै र्ा रिे ृ चुके िैं और उन िोनो में संबंध चािे ििक ग्रिण से िुड़ा िो र्ा िोनो सर्ुक्त पररवार के सिस्र् के रूप में रििे आर्े िो। इस अहधहनर्म को प्रभावी िरीके से लािू करने के हलए राज्र् सरकार के द्वारा प्रत्र्ेक हिले में एक संरक्षण अहधकारी हनर्क्त हकर्ा िर्ा िैं। हिसकी हिम्मेिारी ु पीहड़ि महिला को इस कानून के ििि सभी सुहवधाए िैसे-हचहकत्सा िथा कानूनी सिार्िा हिलवाने की िोिी। इस कानून के ििि महिस्रेि/न्र्ार्ाधीश भी हवशेष पररहस्थहिर्ों हकसी पीहड़िा महिला को न्र्ार् हिलाने के हलए स्वि कार्यवािी कर सकिा िै। इस कानून के ििि हशकार्ि घरेलू हिंसा िोने बाि घरेलू हिंसा िोिे समर् र्ा घरेलू हिंसा िोने की आंशका िोने पर कर सकिे िै। इस कानून के ििि पीहड़िा द्वारा, संरक्षण अहधकारी र्ा पीहड़ि की ओर से कोई अन्र् व्र्हक्त महिस्रेि को आवेिन प्रस्िुि कर सके िा आवेिन प्रस्िूि कर सके िा और न्र्ार्ालर् आवेिन प्राहि की िारीख से सामान्िा 03 हिवस के अन्िर िी सुनवार्ी की पिली िारीख हनर्ि करेिा। सुनवाई की िारीख की हनर्ि की सूचना महिस्रेि द्वारा संरक्षण अहधकारी को िी िार्ेिी संरक्षण अहधकारी सूचना की िामील प्रहिवािी को करार्ेिा। 10- घरेल हिंसा के पररणामस्वरूप व्र्हथि/पीहड़ि र्ा उसकी सिन की िर्ी िाहनर्ो की पूहिय के हलए धहनर्ो अनुिोश का संिाम करने के हलए प्रहिवािी को हनिेश िे सके िा िो एक मश्ि र्ा माहसक हकस्ि में िेने को शहक्त िोिी व पुहलस थाने के ु एस0ओ0/एस0एच0ओं0 की हिसकी स्थानीर् सीमा की अहधकाररिा में प्रहिवािी

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हनवास करिा िै, को एक प्रहि भेिेिा। आवेिक को संिान की अस्थाई अहभरक्षा

िे सके िा। 11- आिेश न मानने पर प्रहिवािी को एक वषय का कारावास र्ा िुमायना िो 20 ििार रू0 िक का िो सके िा र्ा िोनो से िण्डनीर् िोिा।

हनवास करिा िै, को एक प्रहि भेिेिा। आवेिक को संिान की अस्थाई अहभरक्षा



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